Monday, August 17, 2009

शरारत

हैलो दोस्तों,

मेरी last पोस्ट के बाद काफी गैप हो गया ये पोस्ट लिखने में। कभी ऑफिस में busy तो कभी viral fever हो गया तो कभी घूमने चला गया। इन्ही सब व्यस्तताओं के कारण नया post नहीं लिख पाया। मूड तो बना था but समय की तंगी।
well I am back with some new "shayari". A mischievous" one. देखिये title भी मैंने कैसा रखा है "शरारत"!!! अब वाकई में शरारत है या नहीं, ये तो आप लोग ही judge करो।
आप सोच रहे होगे की आज शरारत वाली शायरी? बात ये है कि यार यहाँ मौसम इतना अच्छा हो रहा है तो ऐसे मौसम में थोड़ा रूमानी (romantic) टाइप वाली शायरी तो बनती है ना। भई मौसम को भी तो सम्मान देना पड़ता है।
डम डम डिगा डिगा मौसम भीगा भीगाsss...
अरे नहीं नहीं ये मेरी "शरारत" नहीं है। ये तो मौसम के ऊपर गाना याद आ गया था। :D

तो दोस्तों आपका ज़्यादा बेकीमती oh sorry, बेशकीमती time utilize ना करते हुए, पेश है "शरारत":

उनकी आँखों में प्यार है हम जानते हैं,
हमारी बातों में प्यार है वो जानते हैं,

उनकी धड़कन में प्यार है हम जानते हैं,
हमारे पागलपन में प्यार है वो जानते हैं,

उनके रूठने में प्यार है हम जानते हैं,
हमारे डांटने में प्यार है वो जानते हैं,

उनकी खामोशी में प्यार है हम जानते हैं,
हमारी मदहोशी में प्यार है वो जानते हैं,

वो जानकर तड़पाते हैं हम जानते हैं,
हम तड़पना चाहते हैं वो जानते हैं,

ये जानकर भी शरारत करने से,
ना वो मानते हैं ना हम मानते हैं.....