Sunday, April 24, 2011

तेरी याद आयी है

दोस्तों, शायद आप लोग सोचते होंगे की मैं इतने time interval के बाद post क्यों लिखता हूँ?
क़माल की बात है कि अक्सर मैं भी यही सोचता हूँ। काफ़ी सोचने पर भी कोई जव़ाब नहीं मिलता। और जव़ाब क्यों नहीं मिलता इसका भी जव़ाब मेरे पास नहीं है। Life में ऐसी बहुत सी बातें होती हैं जिनके पीछे कोई वज़ह नहीं होती। Blog लिखने के लिए time ना मिलना भी उनमें से एक है।
लेकिन फिर भी जब भी blog लिखता हूँ, तो ये सोच कर ही लिखता हूँ कि वो कुछ ऐसा हो जो आपको पसंद आये।
मुझे पता है कि आप में से कुछ तो tension में आ गए होंगे कि ये मेरे को क्या हो गया है !!? आज serious टाइप की बातें क्यों लिख रहा हूँ? बोले तो tension नहीं लेने का। अपुन एकदम झक्कास है। वो जो शायरी इस बार post करने जा रहा हूँ, थोड़ा ऐसेइच टाइप का ही है। लेकिन एकदम बिंदास होके इसको मस्ती के साथ enjoy करने का।


चारों तरफ तन्हाई है,
अजीब सी उदासी छाई है,

ना रफ़ीक है ना रकीब कोई,
बस इक साया है परछाई है

देखने की चाहत ना रही अब किसी को,
इन आँखों में सिर्फ़ तेरी सूरत समायी है

कदम बढ़ते ही नहीं उस राह पर,
जब भी वक़्त ने मंजिल दिखलायी है

लाख़ छुपाया अपने को दुनिया में,
हर जगह तेरी ख़ुशबू छाई है

बैठ ना सका उस महफ़िल में,
जहाँ किसी ने तेरी बात चलायी है

साहिल पर जाने से डर लगता है मुझको,
जब से ज़मीं पर ठोखर खायी है

तू पास नहीं है मेरे साथ नहीं है,
ये कैसी ज़िन्दगी सज़ा में पायी है

चला जा रहा हूँ खोया हुआ कहीं,
आज फिर शिद्दत से तेरी याद आयी है

आज फिर शिद्दत से तेरी याद आयी है...